सुंदरकाण्ड पाठ एवं पूजन

"सुंदरकाण्ड पाठ करने की विधि"

सुन्दरकाण्ड, तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरित मानस का ही एक काण्ड है, जिसमें हनुमान जी की सफलता का वर्णन किया गया है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के अनेकों उपाय हैं, जिनमें सुंदरकाण्ड पाठ द्वारा उनका स्मरण करना सबसे अधिक प्रभावी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि, जो लोग निरंतर 41 सप्ताह तक हर मंगलवार के दिन सुंदरकाण्ड का विधिवत पाठ पूर्ण श्रद्धा के साथ करते हैं, उनके बड़े से बड़े कार्य सिद्ध हो जाते हैं, तथा उन्हें हनुमान जी से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है l

सुंदरकाण्ड पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति मिलती है तथा घर से हर प्रकार की नकारात्मक उर्जा दूर होने लगती है। ऐसे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। सुंदरकाण्ड पाठ स्वयं में ही एक अद्भुत शक्ति रखने वाला पाठ है। जो भक्त नियमित रूप से यह पाठ करता है, वह हनुमान जी की कृपा से ऊपरी बाधाओं से पीड़ित रोगी को ठीक करने में सक्षम होने लगता है। किसी भी शुभ कार्य का आरंभ करने से पूर्व सुंदरकाण्ड पाठ करना लाभकारी माना गया है l संकट किसी भी प्रकार का हो चाहे ऊपरी बाधा से सम्बंधित हो या आसाध्य रोग से, सुंदरकाण्ड का नियमित पाठ करने से सभी संकट दूर होने लगते हैं। ऐसा जातक सभी प्रकार से सुख प्राप्त करता है, व सदैव प्रसन्न रहता है। पारिवारिक कलह अथवा रोग से मुक्ति, नकारात्मक शक्ति से छुटकारा, व्यवसाय में उन्नति सभी में सुंदरकाण्ड पाठ करने से लाभ मिलता है l

सुंदर काण्ड पाठ को मंगलवार, शनिवार अथवा श्रावण मास में प्रतिदिन करना शुभ माना गया है। सुंदर काण्ड पाठ पूर्ण करने में लगभग 2 घंटे का समय लगता है, इसलिए शांत बैठकर पूर्ण श्रद्धा के साथ सुंदर काण्ड का पाठ करना चाहिए। पाठ करते समय ध्यान भगवान श्री राम और हनुमान जी के चरणों में रखें। दो विधियों से आप सुंदर काण्ड पाठ को कर सकते हैं:

1) सम्पूर्ण पूजा विधि : – इस विधि के अनुसार सुंदर काण्ड पाठ करने से पूर्व सभी देवों का आव्हान किया जाता है। इस विधि को आप आचार्य के माध्यम से ही पूर्ण करा सकते है l

2.) सरल पूजा विधि : – सुंदर काण्ड पाठ करने की यह बहुत ही सरल विधि है, आइये इस विधि के विषय में जानें……….

3) बन्धुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराने से भी मंगल ग्रह शुभ होता है।

4)लाल वस्त्र ले कर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बाँधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करना चाहिए।

5) मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।

6) बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।

7) अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।

8) मंगल के दुष्प्रभाव निवारण हेतु किए जा रहे टोटके मंगलवार के दिन, मंगल के नक्षत्र (मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा) तथा मंगल की होरा में अधिक शुभ होते हैं।

मंगल ग्रह की मूलभूत प्रकृति प्रजनन एवं कायाकल्प है। मंगल ग्रह से प्रभावित व्यक्ति का स्वभाव तीक्ष्ण, क्रोधी तथा साहसिक होता है। मंगल का वर्ण रक्त होता है। यह पित्त का कारक ग्रह है।

"सुंदर काण्ड पाठ करने की सरल विधि।"

पूर्व दिशा में एक चौकी की स्थापना करें तथा उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। अब राम दरबार का चित्र या हनुमान जी की तस्वीर चौकी पर स्थापित करें। चौकी के सामने आसन बिछाकर बैठ जाएं तथा निम्न सामग्री को अपने पास रख लें-एक पात्र में जल, धूप, दीपक, पुष्प, चावल, मीठा(प्रसाद), रोली और श्री राम चरित मानस। सर्वप्रथम अब घी का दीपक प्रज्वल्लित करें तथा धूप आदि लगाएं। अब राम दरबार चित्र में स्थित सभी देवों का तिलक करें, रामचरित मानस का तिलक करें, अक्षत, पुष्प तथा मीठा अर्पित करें। जल के छीटें लगाएं l

अब दाएं हाथ में थोड़ा जल लेकर इस प्रकार से संकल्प ले : ‘ ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु , हे परमपिता परमेश्वर मैं(अपना नाम बोलें), गोत्र(अपना गोत्र बोलें), अपने-कार्य की सिद्धि हेतु सुंदर काण्ड पाठ करने का कार्य कर रहा हूँ। मेरे कार्य में मुझे पूर्णता प्रदान करें।’ ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दें और बोले -‘ ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु | अब आप गणेश जी का स्तुति मंत्र द्वारा स्मरण कर लें , उसके उपरांत पाठ प्रारंभ करें l

"सुन्दरकाण्ड पाठ करते समय ध्यान रखें"

हनुमानजी को प्रसन्न करने हेतु विधिवत तथा सही नियमों के अंतर्गत सुन्दरकाण्ड का पाठ आस्था एवं विश्वास के साथ करना चाहिए। इस पाठ को एक बार पूर्ण करने में 2 से 3 घंटे का समय लगता है, पाठ करते समय शांति से और पूर्ण ध्यान के साथ इसका पाठन करें। यह पाठ मंगलवार तथा शनिवार को करना अधिक कृपा देने वाला है l

"सुंदरकाण्ड के पाठ से लाभ, तरीका एवं नियम।"

सुंदरकाण्ड, तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का वह हिस्सा है, जिसमें हनुमान जी की महिमा बताई गई है। शुभ अवसरों पर सुंदरकाण्ड का पाठ किया जाता है। माना जाता है कि सुन्दर कांड का पाठ करने से मनुष्य के सब कष्ट दूर होते हैं तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

सुंदरकाण्ड में तीन श्लोक, 60 दोहे तथा पांच सौ छब्बीस चौपाइयां हैं। वैसे तो सुंदरकाण्ड का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, किन्तु मंगलवार तथा शनिवार के दिन सुंदरकाण्ड का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है।

हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। ऐसा माना जाता है, की हनुमान जी कलियुग में भी धरती पर विचरण करते हैं। सुंदरकाण्ड के पाठ से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है तथा जीवन में खुशियों का संचार होने लगता है।

यदि एक दिन में सुंदरकाण्ड का पाठ पूरा ना हो पाए तो एक दिन में सात, ग्यारह या इक्कीस चौपाई करके भी सुंदर कांड का पाठ पूरा किया जा सकता है।

"सुंदरकाण्ड का पाठ करने से लाभ।"

वैसे तो प्रभु की भक्ति के लाभ असीमित होते हैं। सुंदरकाण्ड का पाठ करके हनुमान जी की भक्ति तथा स्तुति करने से कुछ विशेष लाभ मिल सकते हैं,जो इस प्रकार हैं…………..

1)  अकारण किसी काम में आ रही अड़चनें या परेशानियां दूर हो जाती हैं।

2)  सुंदरकाण्ड का पाठ करने या सुनने से मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है।

3)  जीवन में आ रही अत्यधिक परेशानियाँ कम हो जाती हैं।

4)  आत्म-विश्वास की कमी या इच्छा शक्ति में कमी दूर होती है।

5)  सुंदरकाण्ड के मंगलाचरण का रोजाना पाठ करने से व्यापार एवं नौकरी में तरक्की होती है।

6)  सुंदरकाण्ड के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करने से धन धान्य में बढ़ोतरी होती है।

7)  सुंदरकाण्ड का पाठ करके एक जटा युक्त नारियल अपने ऊपर से सात बार उतार कर हनुमान जी के मंदिर में चढ़ाने से राहू की शांति होती है।

8)  इसका पाठ करने से विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलता है। यह आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करता है तथा परीक्षा में अच्छे अंक लाने में मददगार होता है। बुद्धि कुशाग्र होती है। यदि बहुत छोटे बच्चे हैं तो उनके माता या पिता उनके लिए इसका पाठ करें l

9)  सुंदरकाण्ड पाठ मन को शांति और सुकून प्रदान करता है।‌ मानसिक परेशानियों और व्याधियों से‌ छुटकारा दिलवाने में कारगर है l

10)  जिन लोगों को गृह कलेश की समस्या है, इस पाठ से उनको विशेष फल मिलते हैं l

11) यदि घर का मुखिया रोज़ घर में इसका पाठ करता है तो घर का वातावरण अच्छा रहता है l

12)  घर अथवा अपने आप में से किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति को दूर करने का ये अचूक उपाय है l

13) यदि आप सुनसान स्थान पर रहते हैं तथा किसी अनहोनी का डर लगा रहता हो तो उस स्थान या घर पर इसका रोज पाठ करने से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति मिलती है और आत्मबल बढ़ता है l

14) जिनको बुरे सपने आते हो रात को अनावश्यक डर लगता हो, इसके पाठ से निश्चित रूप से आराम मिलेगाl

15) जो लोग ऋण से परेशान हैं उनको ये पाठ शांति भी देता है तथा ऋण मुक्ति में सहायक भी होता है l

16)  जिस घर में बच्चे माता पिता के संस्कारों को भूल चुके हों, गलत संगत में पड़ गए हों तथा माता पिता का अनादर करते हों वहा भी ये पाठ निश्चित लाभकारी होता है l

17)  किसी भी प्रकार के मानसिक या शारीरिक रोग में इसका पाठ लाभकारी होता है l

18)  भूत प्रेत की व्याधि भी इस पाठ को करने से स्वतः ही दूर हो जाती है l

19)  नौकरी में प्रमोशन के लिए भी ये पाठ विशेष फलदाई होता है।

20)  घर का कोई भी सदस्य घर से बाहर हो। आपको उसकी कोई जानकारी मिल पा रही हो या नहीं। आप अगर इसका पाठ करते है, तो सम्बंधित व्यक्ति की निश्चित ही रक्षा होगी, और आपको चिंता से भी राहत मिलेगी l

धन्यवाद

बजरंगबली की जय।।

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