सूर्य ग्रह जप एवं पूजन
- विधिपूर्वक सूर्य ग्रह पूजन कराने में 3 दिन लगता हैं l
"सूर्य देव की पूजा विधि, और सूर्य नमस्कार"
हिन्दू धर्म में सूर्य देव को जगत की आत्मा माना जाता है। सूर्य देव ही पृथ्वी पर अंधकार का नाश करते हैं। सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव ही नहीं है। चंद्रमा और सूर्य दोनों ही ऐसे देवता है जिन्हें प्रत्यक्ष रुप से देखा जा सकता है।
सूर्य पद-प्रतिष्ठा , नौकरी , कीर्ति, धन आदि का कारक ग्रह होता है। ज्योतिष में सूर्य को राजा माना जाता है। सूर्यदेव को आरोग्य का देवता माना जाता है। सूर्यदेव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके जीवन में सफलता, मानसिक शांति पायी जा सकती है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के अन्दर शक्ति का संचार होता है।
"सूर्य देव की पूजा विधि"
भगवान सूर्य की पूजा में अर्घ्यदान का विशेष महत्व बताया गया है। रविवार के दिन प्रात:काल तांबे के लोटे में जल लेकर, उसमें लाल फूल, चावल डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, विद्या, वैभव और सौभाग्य प्रदान करते हैं।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए 7000 मंत्रों का जाप, किसी योग्य आचार्य के द्वारा संपन्न कराएं, जिससे सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं, और सदैव आपका कल्याण करते हैं l
धन्यवाद
नवग्रह देवता की कृपा सदैव आप पर बनी रहे l।
7355690494
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