भगवान विश्वकर्मा पूजन
- विधिपूर्वक विश्वकर्मा कथा को संपन्न करने में लगभग दो घंटे व संगीत में विश्वकर्मा भगवान की कथा में लगभग 4 घंटे का समय लगता है l
"भगवान विश्वकर्मा"
हिन्दू धर्म के अनुसार निर्माण एवं सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा कहलाये जाते हैं। तकनीकी भाषा में इन्हें दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर भी कहा जाता है।
अन्य नाम – प्रथम इंजीनियर, देवताओं का शिल्पकार, देव बढ़ई, मशीन का देवता, देवताओं का इंजीनियर और वास्तुशास्त्र का देवता
- (पिता – वास्तुदेव)
- (माता – अंगिरसी)
- (संतान- पाँच पुत्र) :
- मनु
- मय
- त्वष्टा
- शिल्पी
- दैवज्ञ
निर्माण कार्य – श्रीकृष्ण की द्वारिका, सुदामापुरी, कुबेरपुरी, यमपुरी, सोने की लंका
शस्त्र निर्माण- शिव का त्रिशूल, भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र और यमराज का कालदण्ड
"कैसे हुआ विश्वकर्मा भगवान का जन्म...?"
पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार संसार की रंचना के आरंभ में भगवान विष्णु क्षीर सागर में प्रकट हुए। विष्णु जी के नाभि-कमल से चतुर्मुखी ब्रह्मा जी दृष्टिगोचर हो रहे थे। ब्रह्मा के पुत्र ‘धर्म’ का विवाह ‘वास्तु’ (प्रजापति दक्ष की कन्याओं में से एक) से हुआ। धर्म के सात पुत्र हुए इनके सातवें पुत्र का नाम ‘वास्तु’ रखा गया, जो शिल्पशास्त्र की कला से परिपूर्ण थे। ‘वास्तु’ और ‘अंगिरसी’ के विवाह के पश्चात्, उनका एक पुत्र हुआ जिसका नाम विश्वकर्मा रखा गया। जो अपने पिता की तरह वास्तुकला के अद्वितीय गुरु बने और उन्हें विश्वकर्मा के नाम से जाना जाने लगा।
"विश्वकर्मा देव द्वारा निर्माणित स्थान व वस्तुएँ"
यमपुरी, सुदामापुरी, शिवमंडलपुरी, वरुणपुरी, पाण्डवपुरी, इन्द्रपुरी, देवताओं के भव्य महल, आलीशान भवन, सिंघासन, शस्त्र और देवताओं के दैनिक उपयोग की वस्तुओं आदि का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था।
धन्यवाद
विश्वकर्मा भगवान की जय हो ll
7355690494
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें