मकर संक्रांति पर हिन्दुसेना Hinduarmy को मिला दिगम्बर अखाड़े के संतों का आशीर्वाद ।

मकर संक्रांति पर हिन्दुसेना Hinduarmy को मिला दिगम्बर अखाड़े के संतों का आशीर्वाद । जय प्रभु श्री राम की । #भारत_भविष्य_में_मुस्लिम_देश_बनें_उससे_बेहतर_है_हिन्दू_राष्ट्र_बनाया_जाए_ #HinduArmy #hindusenachief #रामराज्य_की_सुरुआत_मोदी_योगी_अयोध्या_के_साथ

दफनाते तो कब्रिस्तान मे है.!! फिऱ ये मजारें बीच सड़क पर कैसे आ जाती है..??

दफनाते तो कब्रिस्तान मे है.!!
फिऱ ये मजारें बीच सड़क पर कैसे आ जाती है..??

अगर आप दिशा नहीं बदलते , तो शायद आप वहीँ पहुँच जाएंगे जिधर आप बढ़ रहे हैं.

If you do not change direction, you may end up where you are….. अगर आप दिशा नहीं बदलते , तो शायद आप वहीँ पहुँच जाएंगे जिधर आप बढ़ रहे हैं. ||
हर हर महादेव ।।

हिन्दू मुस्लिम भाई भाई कहने वाले बुधिजीवी लोगों के लिए खास लेख!

1. मुसलमानों का कोई एक धार्मिक ट्रस्ट का नाम बताइये जो “मानव”मात्र की सेवा करता हो!
2. मुसलमानों का कोई एक धर्मार्थ अस्पताल का नाम बताइये जहां सबका इलाज होता हो!
3. मुसलमानों का कोई अनाथालय बताइये, जहां सबके बच्चे समान भाव से पाले जाते हों!
4. मुसलमानों द्वारा संचालित कोई एक विद्यालय बताइये जहां सबको शिक्षा प्राप्त हो रही हो!
5. मुसलमानों का कोई वृद्धाश्रम बताओ जहां सबको रहने का अधिकार हो!
6. मुसलमानों का कोई अन्न क्षेत्र बताइये जहां सबको भरपेट भोजन मिलता हो!
7. मुसलमानों द्वारा मस्जिद-मदरसों में ब्लड डोनेशन केम्प लगाया हो किसी के ध्यान में है !
ये सब कभी नही मिलेगा क्योंकि ये सब पुण्य का काम है जो इस्लाम मे हराम माना जाता है!
गाम्बिया बना 57वां इस्लामिक राष्ट्र.. राष्ट्रपति ने मुस्लिम जनसँख्या अधिक होते ही घोषित कर दिया इस्लामिक राष्ट्र.
सेकुलरिज्म तभी तक चला जबतक मुस्लिम अल्पसंख्यक थे, बहुसंख्यक होते ही पर लागू हुआ इस्लामिक शरिया कानून.
जो लोग मुसलमानों की इस मौलिक बात को नहीं समझेंगे वे हमेशा भटकते रहेंगे.
मुसलमान केवल तब तक ही धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक होता है जब तक वो अल्पमत में होता हैं। ये दोनों सिद्धांत उनके लिए आस्था के बिंदु नहीं बल्कि एक हथियार हैं। वास्तव में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता इस्लाम में हराम है।
आप स्वयं पता करोगे तो पाओगे की दुनिया का कोई भी मुस्लिम देश लोकतांत्रिक या धर्मनिरपेक्ष नहीं है। वे इस्लामी गणतंत्र से ऊपर नहीं उठ सकते। जैसे ही मुसलमान बहुसंख्यक होते हैं, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता उड़ जाते हैं।
इसके विपरीत जब ये अल्पमत में होते हैं तो इनको सारे अधिकार चाहिए, परंतु जैसे ही बहुसंख्यक होते हैं कट्टर इस्लामीक बन जाते हैं, जो अल्पमत वालों को जीने का भी अधिकार नहीं देते।
सारी दुनिया और भारत में कहीं भी नज़र डालिए, बात समझ आ जायेगी। दुःख इस बात का है की अधिकांश हिंदू अभी भी इस वास्तविकता पर आँखें मूंदे रहते है ।