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Love Jihad

Love Jihad or Romeo Jihad is an Islamic tarror alleging that Muslim men target women belonging to non-Muslim communities for conversion to Islam by feigning love. The movement has also been described by some, including Inderpal Grewal, as antifeminist due to paternalistic attitudes towards women’s choice in marriage and by allegedly using women’s rights as a cover for Hindu nationalism. The concept rose to national attention in India in 2009 with alleged conversions first in Kerala and subsequently, in Karnataka. The claims have subsequently spread throughout India and beyond, into Myanmar, Pakistan and the United Kingdom. With waves of publicity in 2009, 2010, 2011 and 2014, the allegations of Love Jihad in India have raised concerns in various Hindu, Sikh and Christian organizations, while Muslim organisations have denied the allegations. The concept has remained a source of political contention and social concern for many, although as of 2014 the idea of an organized Love Jihad was still widely regarded as a conspiracy theory by the Indian mainstream, according to Reuters.
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Love jihad  Viral news यूपी: युवक पर धर्म छुपाकर शादी और प्रताड़ित करने का आरोप, मामला दर्ज

Love jihad

Viral news यूपी: युवक पर धर्म छुपाकर शादी और प्रताड़ित करने का आरोप, मामला दर्ज

मुस्लिम युवक ने नाम बदलकर हिन्दू लड़की संग बनाये संबंध

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम कट्टरपंथी युवक ने अपना धर्म और अपनी पहचान छिपाकर हिन्दू लड़की को अपने प्रेम के झूठे जाल में फंसाया और फिर उसके साथ सम्बन्ध भी स्थापित किये. ये लव जिहाद का ऐसा मामला है जो सभी को कट्टरपंथियों और जेहादियों से सजग रहने के लिए आगाह करता है.

पीड़ित हिंदू युवती ने आरोप लगाते हुए कहा कि 7 साल पहले एक मुस्लिम युवक ने अपना नाम मनोज सोनी बताकर पहले उसे अपने प्रेम जाल में फंसाया फिर शादी कर उसे भोपाल ले गया. जहां करीब डेढ़ साल बाद जब उसकी एक बच्ची पैदा हुई तब उसे पता चला कि उसका पति हिंदू मनोज सोनी नहीं बल्कि मुसलमान सलीम है

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में एक हिंदू युवती ने एक मुस्लिम युवक पर 7 साल पहले अपना धर्म छुपाकर शादी करने और जबरन धर्म परिवर्तन करने के साथ-साथ तलाक के बाद भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

दरअसल, ये मामला सदर कोतवाली का है. पीड़ित हिंदू युवती ने आरोप लगाते हुए कहा कि 7 साल पहले एक मुस्लिम युवक ने अपना नाम मनोज सोनी बताकर पहले उसे अपने प्रेम जाल में फंसाया फिर शादी कर उसे भोपाल ले गया. जहां करीब डेढ़ साल बाद जब उसकी एक बच्ची पैदा हुई तब उसे पता चला कि उसका पति हिंदू मनोज सोनी नहीं बल्कि मुसलमान सलीम है.

महिला का आरोप है कि उसने जब इस पर विरोध किया तो उसे प्रताड़ित किया गया और जबरन धर्म परिवर्तन करने लिए दबाब बनाया गया. इसके बाद वह आरोपी लड़के से अलग हो गई और कुछ महीने पहले ही तलाक ले लिया था. महिला का कहना है कि तलाक लेने के बावजूद भी आरोपी युवक लगातार उसे प्रताड़ित कर रहा है. मारपीट करते हुए उसे अपने साथ रहने की जिद कर रहा है.

महिला ने इसकी शिकायत पुलिस से की है लेकिन उसका कहना है कि पुलिस की तरफ से भी कोई उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है. वहीं, कुछ हिंदू संगठनों को जब इस मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने भी सदर कोतवाली पहुंचकर पुलिस से आरोपी सलीम के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

इस मामले में ASP ललितपुर का कहना है कि 2 दिन पहले उन्हें पीड़ित युवती की तरफ से शिकायत मिली थी. उस आधार पर उन्होंने आरोपी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. अब अन्य शिकायत के आधार पर भी जांच कर आरोपी के खिलाफ जो भी तथ्य सामने आयेंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जायेगी.

Viral news by (इनपुट-मनीष सोनी) publish on www.hinduarmy.org

Viral news महात्मा गांधी कहे या षडयंत्र कारी । हिन्दुओ महात्मा गांधी व नाथूराम गोडसे पर एक सकारात्मक टिप्पणी लेख इसे जरूर पढ़े । #HinduarmyChief #sushiltiwari

ये बात तो चीख चीखकर बतायी जाती है कि “गोडसे ने गांधी को मारा” लेकिन “क्यों मारा” ये नहीं बताया जाता। किसी को पता हो तो बताने का कष्ट करें?
क्या था गांधी वध का वास्तविक कारण ?
क्या हुआ 30 जनवरी की रात्री को … पुणे के ब्राह्मणों के साथ ? क्या था सावरकर और हिन्दू महासभा का चिन्तन ?
क्या हुआ गोडसे के बाद नारायण राव आप्टे का .. कैसी नृशंस फांसी दी गयी उन्हें l
यह लेख पढने के बाद कृपया बताएं कैसे उतारेगा भारतीय जनमानस पंडित नाथूराम गोडसे जी का कर्ज….
आइये इन सब सवालों के उत्तर खोजें ….
पाकिस्तान से दिल्ली की तरफ जो रेलगाड़िया आ रही थी, उनमे हिन्दू इस प्रकार बैठे थे जैसे माल की बोरिया एक के ऊपर एक रची जाती हैं। अन्दर ज्यादातर मरे हुए ही थे, गला कटे हुए
रेलगाड़ी के छप्पर पर बहुत से लोग बैठे हुए थे, डिब्बों के अन्दर सिर्फ सांस लेने भर की जगह बाकी थी l बैलगाड़िया ट्रक्स हिन्दुओं से भरे हुए थे, रेलगाड़ियों पर लिखा हुआ था,,” आज़ादी का तोहफा ” रेलगाड़ी में जो लाशें भरी हुई थी उनकी हालत कुछ ऐसी थी की उनको उठाना मुश्किल था, दिल्ली पुलिस को फावड़ें में उन लाशों को भरकर उठाना पड़ा l ट्रक में भरकर किसी निर्जन स्थान पर ले जाकर, उन पर पेट्रोल के फवारे मारकर उन लाशों को जलाना पड़ा इतनी विकट हालत थी उन मृतदेहों की… भयानक बदबू……

सियालकोट से खबरे आ रही थी की वहां से हिन्दुओं को निकाला जा रहा हैं, उनके घर, उनकी खेती, पैसा-अडका, सोना-चाँदी, बर्तन सब मुसलमानों ने अपने कब्जे में ले लिए थे l मुस्लिम लीग ने सिवाय कपड़ों के कुछ भी ले जाने पर रोक लगा दी थी. किसी भी गाडी पर हल्ला करके हाथ को लगे उतनी महिलाओं- बच्चियों को भगाया गया.बलात्कार किये बिना एक भी हिन्दू स्त्री वहां से वापस नहीं आ सकती थी … बलात्कार किये बिना…..?

जो स्त्रियाँ वहां से जिन्दा वापस आई वो अपनी वैद्यकीय जांच करवाने से डर रही थी….

डॉक्टर ने पूछा क्यों ???

उन महिलाओं ने जवाब दिया… हम आपको क्या बताये हमें क्या हुआ हैं ?

हमपर कितने लोगों ने बलात्कार किये हैं हमें भी पता नहीं हैं…उनके सारे शारीर पर चाकुओं के घाव थे।

“आज़ादी का तोहफा”

जिन स्थानों से लोगों ने जाने से मना कर दिया, उन स्थानों पर हिन्दू स्त्रियों की नग्न यात्राएं (धिंड) निकाली गयीं, बाज़ार सजाकर उनकी बोलियाँ लगायी गयीं और उनको दासियों की तरह खरीदा बेचा गया l

1947 के बाद दिल्ली में 400000 हिन्दू निर्वासित आये, और इन हिन्दुओं को जिस हाल में यहाँ आना पड़ा था, उसके बावजूद पाकिस्तान को पचपन करोड़ रुपये देने ही चाहिए ऐसा महात्मा जी का आग्रह था…क्योकि एक तिहाई भारत के तुकडे हुए हैं तो भारत के खजाने का एक तिहाई हिस्सा पाकिस्तान को मिलना चाहिए था l

विधि मंडल ने विरोध किया, पैसा नहीं देगे….और फिर बिरला भवन के पटांगन में महात्मा जी अनशन पर बैठ गए…..पैसे दो, नहीं तो मैं मर जाउगा….एक तरफ अपने मुहँ से ये कहने वाले महात्मा जी, की हिंसा उनको पसंद नहीं हैं l

दूसरी तरफ जो हिंसा कर रहे थे उनके लिए अनशन पर बैठ गए… क्या यह हिंसा नहीं थी .. अहिंसक आतंकवाद की आड़ में

दिल्ली में हिन्दू निर्वासितों के रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी, इससे ज्यादा बुरी बात ये थी की दिल्ली में खाली पड़ी मस्जिदों में हिन्दुओं ने शरण ली तब बिरला भवन से महात्मा जी ने भाषण में कहा की दिल्ली पुलिस को मेरा आदेश हैं मस्जिद जैसी चीजों पर हिन्दुओं का कोई

ताबा नहीं रहना चाहिए l निर्वासितों को बाहर निकालकर मस्जिदे खाली करे..क्योंकि महात्मा जी की दृष्टी में जान सिर्फ मुसलमानों में थी हिन्दुओं में नहीं…

जनवरी की कडकडाती ठंडी में हिन्दू महिलाओं और छोटे छोटे बच्चों को हाथ पकड़कर पुलिस ने मस्जिद के बाहर निकाला, गटर के किनारे रहो लेकिन छत के निचे नहीं l क्योकि… तुम हिन्दू हो….

4000000 हिन्दू भारत में आये थे,ये सोचकर की ये भारत हमारा हैं…. ये सब निर्वासित गांधीजी से मिलाने बिरला भवन जाते थे तब गांधीजी माइक पर से कहते थे क्यों आये यहाँ अपने घर जायदाद बेचकर, वहीँ पर अहिंसात्मक प्रतिकार करके क्यों नहीं रहे ?? यही अपराध हुआ तुमसे अभी भी वही वापस जाओ..और ये महात्मा किस आशा पर पाकिस्तान को पचपन करोड़ रुपये देने निकले थे ?

कैसा होगा वो मोहनदास करमचन्द गाजी उर्फ़ गंधासुर … कितना महान …

जिसने बिना तलवार उठाये … 35 लाख हिन्दुओं का नरसंहार करवाया

2 करोड़ से ज्यादा हिन्दुओं का इस्लाम में धर्मांतरण हुआऔर उसके बाद यह संख्या 10 करोड़ भी पहुंची l

10 लाख से ज्यादा हिन्दू नारियों को खरीदा बेचा गया l

20 लाख से ज्यादा हिन्दू नारियों को जबरन मुस्लिम बना कर अपने घरों में रखा गया, तरह तरह की शारीरिक और मानसिक यातनाओं के बाद

ऐसे बहुत से प्रश्न, वास्तविकताएं और सत्य तथा तथ्य हैं जो की 1947 के समकालीन लोगों ने अपनी आने वाली पीढ़ियों से छुपाये, हिन्दू कहते हैं की जो हो गया उसे भूल जाओ, नए कल की शुरुआत करो …

परन्तु इस्लाम के लिए तो कोई कल नहीं .. कोई आज नहीं …वहां तो दार-उल-हर्ब को दार-उल-इस्लाम में बदलने का ही लक्ष्य है पल.. प्रति पल

विभाजन के बाद एक और विभाजन का षड्यंत्र …

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आपने बहुत से देशों में से नए देशों का निर्माण देखा होगा, U S S R टूटने के बाद बहुत से नए देश बने, जैसे ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान आदि … परन्तु यह सब देश जो बने वो एक परिभाषित अविभाजित सीमा के अंदर बने l

और जब भारत का विभाजन हुआ .. तो क्या कारण थे की पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान बनाए गए… क्यों नही एक ही पाकिस्तान बनाया गया… या तो पश्चिम में बना लेते या फिर पूर्व में l

परन्तु ऐसा नही हुआ …. यहाँ पर उल्लेखनीय है की मोहनदास करमचन्द ने तो यहाँ तक कहा था की पूरा पंजाब पाकिस्तान में जाना चाहिए, बहुत कम लोगों को ज्ञात है की 1947 के समय में पंजाब की सीमा दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र तक होती थी …

यानी की पाकिस्तान का बोर्डर दिल्ली के साथ होना तय था … मोहनदास करमचन्द के अनुसार l

नवम्बर 1968 में पंजाब में से दो नये राज्यों का उदय हुआ .. हिमाचल प्रदेश और हरियाणा l

पाकिस्तान जैसा मुस्लिम राष्ट्र पाने के बाद भी जिन्ना और मुस्लिम लीग चैन से नहीं बैठे …

उन्होंने फिर से मांग की … की हमको पश्चिमी पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान जाने में बहुत समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं l

1. पानी के रास्ते बहुत लम्बा सफर हो जाता है क्योंकि श्री लंका के रस्ते से घूम कर जाना पड़ता है l

2. और हवाई जहाज से यात्राएं करने में अभी पाकिस्तान के मुसलमान सक्षम नही हैं l इसलिए …. कुछ मांगें रखी गयीं 1. इसलिए हमको भारत के बीचो बीच एक Corridor बना कर दिया जाए….

2. जो लाहोर से ढाका तक जाता हो … (NH – 1)

3. जो दिल्ली के पास से जाता हो …

4. जिसकी चौड़ाई कम से कम 10 मील की हो … (10 Miles = 16 KM)

5. इस पूरे Corridor में केवल मुस्लिम लोग ही रहेंगे l

30 जनवरी को गांधी वध यदि न होता, तो तत्कालीन परिस्थितियों में बच्चा बच्चा यह जानता था की यदि मोहनदास करमचन्द 3 फरवरी, 1948 को पाकिस्तान पहुँच गया तो इस मांग को भी …मान लिया जायेगा l

तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार तो मोहनदास करमचन्द किसी की बात सुनने की स्थिति में था न ही समझने में …और समय भी नहीं था जिसके कारण हुतात्मा नाथूराम गोडसे जी को गांधी वध जैसा अत्यधिक साहसी और शौर्यतापूर्ण निर्णय लेना पडा l

हुतात्मा का अर्थ होता है जिस आत्मा ने अपने प्राणों की आहुति दी हो …. जिसको की वीरगति को प्राप्त होना भी कहा जाता है l

यहाँ यह सार्थक चर्चा का विषय होना चाहिए की हुतात्मा पंडित नाथूराम गोडसे जीने क्या एक बार भी नहीं सोचा होगा की वो क्या करने जा रहे हैं ?

किसके लिए ये सब कुछ कर रहे हैं ?

उनके इस निर्णय से उनके घर, परिवार, सम्बन्धियों, उनकी जाती और उनसे जुड़े संगठनो पर क्या असर पड़ेगा ?

घर परिवार का तो जो हुआ सो हुआ …. जाने कितने जघन्य प्रकारों से समस्त परिवार और सम्बन्धियों को प्रताड़ित किया गया l

परन्तु ….. अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले मोहनदास करमचन्द के कुछ अहिंसक आतंकवादियों ने 30 जनवरी, 1948 की रात को ही पुणे में 6000 ब्राह्मणों को चुन चुन कर घर से निकाल निकाल कर जिन्दा जलाया l

10000 से ज्यादा ब्राह्मणों के घर और दुकानें जलाए गए l

सोचने का विषय यह है की उस समय संचार माध्यम इतने उच्च कोटि के नहीं थे, विकसित नही थे … फिर कैसे 3 घंटे के अंदर अंदर इतना सुनियोजित तरीके से इतना बड़ा नरसंहार कर दिया गया ….

सवाल उठता है की … क्या उन अहिंसक आतंकवादियों को पहले से यह ज्ञात था की गांधी वध होने वाला है ?

जस्टिस खोसला जिन्होंने गांधी वध से सम्बन्धित केस की पूरी सुनवाई की… 35 तारीखें पडीं l

अदालत ने निरीक्षण करवाया और पाया हुतात्मा पंडित नाथूराम गोडसे जी की मानसिक दशा को तत्कालीन चिकित्सकों ने एक दम सामान्य घोषित कियाl पंडित जी ने अपना अपराध स्वीकार किया पहली ही सुनवाई में और अगली 34 सुनवाइयों में कुछ नहीं बोले … सबसे आखिरी सुनवाई में पंडित जी ने अपने शब्द कहे “”

गाँधी वध के समय न्यायमूर्ति खोसला से नाथूराम ने अपना वक्तव्य स्वयं पढ़ कर सुनाने की अनुमति मांगी थी और उसे यह अनुमति मिली थी | नाथूराम गोडसे का यह न्यायालयीन वक्तव्य भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था |इस प्रतिबन्ध के विरुद्ध नाथूराम गोडसे के भाई तथा गाँधी वध के सह अभियुक्त गोपाल गोडसे ने ६० वर्षों तक वैधानिक लडाई लड़ी और उसके फलस्वरूप सर्वोच्च न्यायलय ने इस प्रतिबन्ध को हटा लिया तथा उस वक्तव्य के प्रकाशन की अनुमति दे दी। नाथूराम गोडसे ने न्यायलय के समक्ष गाँधी वध के जो १५० कारण बताये थे उनमें से प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –

1. अमृतसर के जलियाँवाला बाग़ गोली काण्ड (1919) से समस्त देशवासी आक्रोश में थे तथा चाहते थे कि इस नरसंहार के खलनायक जनरल डायर पर अभियोग चलाया जाए। गान्धी ने भारतवासियों के इस आग्रह को समर्थन देने से मना कर दिया।

2. भगत सिंह व उसके साथियों के मृत्युदण्ड के निर्णय से सारा देश क्षुब्ध था व गान्धी की ओर देख रहा था कि वह हस्तक्षेप कर इन देशभक्तों को मृत्यु से बचाएं, किन्तु गान्धी ने भगत सिंह की हिंसा को अनुचित ठहराते हुए जनसामान्य की इस माँग को अस्वीकार कर दिया। क्या आश्चर्य कि आज भी भगत सिंह वे अन्य क्रान्तिकारियों को आतंकवादी कहा जाता है।

3. 6 मई 1946 को समाजवादी कार्यकर्ताओं को अपने सम्बोधन में गान्धी ने मुस्लिम लीग की हिंसा के समक्ष अपनी आहुति देने की प्रेरणा दी।

4. मोहम्मद अली जिन्ना आदि राष्ट्रवादी मुस्लिम नेताओं के विरोध को अनदेखा करते हुए 1921 में गान्धी ने खिलाफ़त आन्दोलन को समर्थन देने की घोषणा की। तो भी केरल के मोपला में मुसलमानों द्वारा वहाँ के हिन्दुओं की मारकाट की जिसमें लगभग 1500 हिन्दु मारे गए व 2000 से अधिक को मुसलमान बना लिया गया। गान्धी ने इस हिंसा का विरोध नहीं किया, वरन् खुदा के बहादुर बन्दों की बहादुरी के रूप में वर्णन किया।

5. 1926 में आर्य समाज द्वारा चलाए गए शुद्धि आन्दोलन में लगे स्वामी श्रद्धानन्द जी की हत्या अब्दुल रशीद नामक एक मुस्लिम युवक ने कर दी, इसकी प्रतिक्रियास्वरूप गान्धी ने अब्दुल रशीद को अपना भाई कह कर उसके इस कृत्य को उचित ठहराया व शुद्धि आन्दोलन को अनर्गल राष्ट्र-विरोधी तथा हिन्दु-मुस्लिम एकता के लिए अहितकारी घोषित किया।

6. गान्धी ने अनेक अवसरों पर छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप व गुरू गोविन्द सिंह जी को पथभ्रष्ट देशभक्त कहा।

7. गान्धी ने जहाँ एक ओर काश्मीर के हिन्दु राजा हरि सिंह को काश्मीर मुस्लिम बहुल होने से शासन छोड़ने व काशी जाकर प्रायश्चित करने का परामर्श दिया, वहीं दूसरी ओर हैदराबाद के निज़ाम के शासन का हिन्दु बहुल हैदराबाद में समर्थन किया।

8. यह गान्धी ही था जिसने मोहम्मद अली जिन्ना को कायदे-आज़म की उपाधि दी।

9. कॉंग्रेस के ध्वज निर्धारण के लिए बनी समिति (1931) ने सर्वसम्मति से चरखा अंकित भगवा वस्त्र पर निर्णय लिया किन्तु गाँधी कि जिद के कारण उसे तिरंगा कर दिया गया।

10. कॉंग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को बहुमत से कॉंग्रेस अध्यक्ष चुन लिया गया किन्तु गान्धी पट्टभि सीतारमय्या का समर्थन कर रहा था, अत: सुभाष बाबू ने निरन्तर विरोध व असहयोग के कारण पदत्याग कर दिया।

11. लाहोर कॉंग्रेस में वल्लभभाई पटेल का बहुमत से चुनाव सम्पन्न हुआ किन्तु गान्धी की जिद के कारण यह पद जवाहरलाल नेहरु को दिया गया।

12. 14-15 जून, 1947 को दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय कॉंग्रेस समिति की बैठक में भारत विभाजन का प्रस्ताव अस्वीकृत होने वाला था, किन्तु गान्धी ने वहाँ पहुंच प्रस्ताव का समर्थन करवाया। यह भी तब जबकि उन्होंने स्वयं ही यह कहा था कि देश का विभाजन उनकी लाश पर होगा।

13. मोहम्मद अली जिन्ना ने गान्धी से विभाजन के समय हिन्दु मुस्लिम जनसँख्या की सम्पूर्ण अदला बदली का आग्रह किया था जिसे गान्धी ने अस्वीकार कर दिया।

14. जवाहरलाल की अध्यक्षता में मन्त्रीमण्डल ने सोमनाथ मन्दिर का सरकारी व्यय पर पुनर्निर्माण का प्रस्ताव पारित किया, किन्तु गान्धी जो कि मन्त्रीमण्डल के सदस्य भी नहीं थे ने सोमनाथ मन्दिर पर सरकारी व्यय के प्रस्ताव को निरस्त करवाया और 13 जनवरी 1948 को आमरण अनशन के माध्यम से सरकार पर दिल्ली की मस्जिदों का सरकारी खर्चे से पुनर्निर्माण कराने के लिए दबाव डाला।

15. पाकिस्तान से आए विस्थापित हिन्दुओं ने दिल्ली की खाली मस्जिदों में जब अस्थाई शरण ली तो गान्धी ने उन उजड़े हिन्दुओं को जिनमें वृद्ध, स्त्रियाँ व बालक अधिक थे मस्जिदों से से खदेड़ बाहर ठिठुरते शीत में रात बिताने पर मजबूर किया गया

16. 22 अक्तूबर 1947 को पाकिस्तान ने काश्मीर पर आक्रमण कर दिया, उससे पूर्व माउँटबैटन ने भारत सरकार से पाकिस्तान सरकार को 55 करोड़ रुपए की राशि देने का परामर्श दिया था। केन्द्रीय मन्त्रीमण्डल ने आक्रमण के दृष्टिगत यह राशि देने को टालने का निर्णय लिया किन्तु गान्धी ने उसी समय यह राशि तुरन्त दिलवाने के लिए आमरण अनशन किया- फलस्वरूप यह राशि पाकिस्तान को भारत के हितों के विपरीत दे दी गयी।

उपरोक्त परिस्थितियों में नथूराम गोडसे नामक एक देशभक्त सच्चे भारतीय युवक ने गान्धी का वध कर दिया।

न्य़यालय में चले अभियोग के परिणामस्वरूप गोडसे को मृत्युदण्ड मिला किन्तु गोडसे ने न्यायालय में अपने कृत्य का जो स्पष्टीकरण दिया उससे प्रभावित होकर उस अभियोग के न्यायधीश श्री जे. डी. खोसला ने अपनी एक पुस्तक में लिखा-

“नथूराम का अभिभाषण दर्शकों के लिए एक आकर्षक दृश्य था। खचाखच भरा न्यायालय इतना भावाकुल हुआ कि लोगों की आहें और सिसकियाँ सुनने में आती थींऔर उनके गीले नेत्र और गिरने वाले आँसू दृष्टिगोचर होते थे। न्यायालय में उपस्थित उन प्रेक्षकों को यदि न्यायदान का कार्य सौंपा जाता तो मुझे तनिक भी संदेह नहीं कि उन्होंने अधिकाधिक सँख्या में यह घोषित किया होता कि नथूराम निर्दोष है।”

तो भी नथूराम ने भारतीय न्यायव्यवस्था के अनुसार एक व्यक्ति की हत्या के अपराध का दण्ड मृत्युदण्ड के रूप में सहज ही स्वीकार किया। परन्तु भारतमाता के विरुद्ध जो अपराध गान्धी ने किए, उनका दण्ड भारतमाता व उसकी सन्तानों को भुगतना पड़ रहा है। यह स्थिति कब बदलेगी?

प्रश्न यह भी उठता है की पंडित नाथूराम गोडसे जी ने तो गाँधी वध किया उन्हें पैशाचिक कानूनों के द्वारा मृत्यु दंड दिया गया परन्तु नाना जी आप्टे ने तो गोली नहीं मारी थी … उन्हें क्यों मृत्युदंड दिया गया ?

नाथूराम गोडसे को सह अभियुक्त नाना आप्टे के साथ १५ नवम्बर १९४९ को पंजाब के अम्बाला की जेल में मृत्यु दंड दे दिया गया। उन्होंने अपने अंतिम शब्दों में कहा था…

यदि अपने देश के प्रति भक्तिभाव रखना कोई पाप है तो मैंने वो पाप किया है और यदि यह पुन्य हिया तो उसके द्वारा अर्जित पुन्य पद पर मैं अपना नम्र अधिकार व्यक्त करता हूँ

– पंडित नाथूराम गोडसे

आशा है कि लोग पंडित नाथूराम को समझे व् जानें। प्रणाम हुतात्मा को।

भारत माता की जय

“तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहें!”

viral news उत्तर प्रदेश में योगिराज में उभरते हिन्दू संगठनहिन्दुआर्मी हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू समाज, हिन्दू सेना हिन्दुआर्मी ट्रस्ट – योगी के यूपी में सतर्कता समूह कैसे सक्रिय हो रहे हैं

हिन्दुआर्मी हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू समाज, हिन्दू सेना हिन्दुआर्मी ट्रस्ट – योगी के यूपी में सतर्कता समूह कैसे सक्रिय हो रहे हैं। 
यूपी में पिछले 5 साल में तमाम ऐसे ही हिंदूवादी संगठन बनकर तैयार हो गए हैं जो ऐसे आए दिन हिंदू-मुस्लिम से संबंधित मुद्दों को उठा रहे हैं और बीजेपी सरकार व संगठन इनके साथ किसी भी तरह के कनेक्शन से इंकार करती रही है, जबकि हिन्दुसेना चीफ योगी मोदी को इश्वरीय प्रेणनाश्रोत बताते है अपनी संघ आयु 26 वर्ष बताते है ।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक इलाके मोहम्मद वली में, एक 42 वर्षीय हिंदू महिला ने राज्य के नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत, मोहम्मद सईद, 27 के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की है.

जबकि महिला के पड़ोसियों ने दावा किया कि सईद अकसर आता जाता देखा जाता था. लेकिन जैसे ही दोनों के ‘रिश्तों में कड़वाहट’ आ गई. महिला ने आरोप लगाया कि उसने बंदूक की नोक पर उसके साथ बलात्कार किया और फिर उसे इस्लाम धर्म में परिवर्तित होने के लिए मजबूर किया.

बजरंग दल की मूल संस्था विश्व हिंदू परिषद (VHP) की स्थानीय इकाई ने महिला पुलिस की शिकायत का जोरदार समर्थन किया.

जब से उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन अध्यादेश के 28 नवंबर 2020 को लागू किया गया इसके बाद कई मामले हिंदू संगठनों द्वारा चलाए गए हैं.

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के लखनऊ में धर्म परिवर्तन के शक के आधार पर एक हिंदू-मुस्लिम जोड़े की शादी रुकवा दी गई जबकि दोनों परिवार शादी के लिए राजी थे और किसी भी तरह के धर्म परिवर्तन की बात नहीं की गई थी. शादी रुकवाने का मुख्य कारण इसमें राष्ट्रीय युवा वाहिनी नाम के हिंदूवादी संगठन का पुलिस थाने में ‘लव जिहाद’ को लेकर शिकायत करना था. इस घटना से ये हिंदूवादी संगठन चर्चा में है. इसी तरह शाहजहांपुर, हरदोई व मुरादाबाद में कथित लव जिहाद के मामलों में भी हिंदूवादी संगठन की अहम भूमिका रही.

यूपी में पिछले 5 साल में तमाम ऐसे ही हिंदूवादी संगठन बनकर तैयार हो गए हैं जो ऐसे आए दिन हिंदू-मुस्लिम से संबंधित मुद्दों को उठा रहे हैं और बीजेपी सरकार व संगठन इनके साथ किसी भी तरह के कनेक्शन से इंकार करती रही है.

बीजेपी सरकार के केंद्र व प्रदेश में आने के बाद इनकी सक्रियता बढ़ी है. ये विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल या आरएसएस से खुद को अलग हटकर बताते हैं. जबकि हिन्दुआर्मी हिन्दुसेना के चीफ तो योगी जी को इश्वरीय बताते है इनके यूपी भर में कई जिलों में कार्यालय हैं, सोशल मीडिया पर इनका प्रोफाइल व पेज हैं जिनके हजारों फॉलोअर्स हैं इनके मिलियन्स में लाइक और व्यू आते है लाखो समर्थकों का अम्बार है . आए दिन ये किसी न किसी स्थानीय घटनाओं में चर्चा का विषय रहते हैं.

पिछले 5 साल में एक्टिव हुए एक दर्जन से अधिक संगठन सामने आए हैं जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं:

राष्ट्रीय युवा वाहिनी- खुद को बीजेपी का सहयोगी दल बताने वाली राष्ट्रीय युवा वाहिनी हाल ही में लखनऊ में एक हिंदू-मुस्लिम जोड़े की शादी रुकवाने से चर्चा में आया है. लखनऊ में इसका कार्यालय है. इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष केडी शर्मा के मुताबिक 2016 में इस संगठन की शुरुआत हुई. संगठन का मुख्य उद्देश्य गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिलाना और जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने के लिए सरकार पर दबाव डालना है.

केडी शर्मा के मुताबिक, 24 प्रदेशों में उनका ये संगठन एक्टिव है. यूपी में लगभग हर जिले में इनका संगठन है. बीजेपी में उनके अच्छे संबंध हैं और वह इसे बीजेपी का सहयोगी संगठन बताते हैं. यूपी सरकार द्वारा लाए गए विधेयक के बाद उन्होंने संगठन के लोगों को हर जगह एक्टिव रहने को बोल दिया है. जहां भी धर्म परिवर्तन होने का संदेह हो वहां प्रशासन को तुरंत शिकायत करने को कहा गया है. इस संगठन के फेसबुक पेज पर योगी आदित्यनाथ के समर्थन पर पोस्ट भी है.

हिंदू समाज पार्टी- इसकी शुरुआत हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी ने की थी जिसकी हत्या अक्टूबर 2019 में लखनऊ में हो गई. कमलेश की हत्या के बाद उनकी पत्नी किरण कमलेश तिवारी को इसका अध्यक्ष बनाया गया. किरण कमलेश के नेतृत्व में पार्टी ने इस बार लखनऊ में एमएलसी ग्रेजुएट सीट पर चुनाव भी लड़ा था.

कमलेश की तरह ही किरण भी हिंदुत्व के मुद्दे पर मुखर रहती हैं. फेसबुक लाइव के जरिए वह लगातार हिंदुत्व की रक्षा करने और हिंदू समाज को एकजुट रहने की अपील करती हैं. हालांकि योगी सरकार में खराब कानून व्यवस्था को लेकर भी ये संगठन कई बार टिप्पणी करता रहता है.

किरण के मुताबिक, हिंदूओं को एकजुट होने की सख्त आवश्यकता है और वे अपने पति कमलेश तिवारी की लड़ाई को लड़ती रहेंगी. वे जिले-जिले जाकर हिंदुओं के मुद्दों को उठाती हैं. फिलहाल फोकस कमलेश की गैर-मौजूदगी में सगंठन को मजबूत करना है.

इस पार्टी के संयोजक गौरव वर्मा के मुताबिक, हमारा लक्ष्य 2022 का चुनाव लड़ना है. हर जिले में हम अपना संगठन खड़ा कर रहे हैं. हाल ही में हमने बिहार में 40 सीटों पर भी चुनाव लड़ा था. हिंदुत्व के मुद्दे को उठाते हुए हम संगठन विस्तार पर फोकस कर रहे हैं.

कमलेश हिंदू महासभा से जुड़े थे. 2017 में उन्होंने भारत समाज पार्टी का गठन किया था. इस पार्टी के लिए राम मंदिर अहम मुद्दा था. फिलहाल ये संगठन भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है. किरण तिवारी खुद भी फेसबुक पर काफी सक्रिय हैं. वह गोडसे के समर्थन से लेकर हिंदुओं के पलायन जैसे मुद्दे उठाती रहती हैं. लखनऊ में इस संगठन का हेड ऑफिस है.

हिंदू आर्मी हिन्दुसेना – बीती अप्रैल के महीने से मुसलमानों के वहिष्कार का अभियान चलाए हुए है फिल्मों का वहिष्कार मुसलमानों को तब्लीकि कह कर सम्बोधित करने वाले सुशील तिवारी ने जमकर मुसलमानों से शब्जी न खरीदे हिन्दू दुकानों से करे खरीदारी भगवा लगी दुकानों से करे खरीदारी हिन्दू आर्मी कॅरोना काल के लोक डाउन के दौरान ये संगठन चर्चा में आया. कई सहरो में होडिंग पर लिखा हुआ पाया गया कि जागो हिन्दू जागो हिन्दुओ से करो खरीदारी राष्ट्र निर्माण में करो भागीदारी , दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें खुद को हिंदू आर्मी संगठन का अध्यक्ष चीफ बताकर लखनऊ के रहने वाले युवक सुशीलतिवारी कह रहे थे कि मुसलमानों से न करे खरीदारी सिर्फ भगवा झंडा लगे दुकानों से शब्जी भांजी , पनीर व जरूरी सामानों की करे खरीदारी भारत को इस्लाम मुक्त करना हिन्दुराष्ट्र बनाने की बात करते है यहां तक जावेद हबीब के सलून में कॅरोना है हिन्दू नाई से बाल कटवाए हिन्दू सलून से बाल कटवाए वॉलीवूड वहिष्कार , तब्लीकि भेष बदलकर थूक लगा कर शब्जिया बेच रहे है कॅरोना फैला रहे है . इस वीडियो के बाद सुशील तिवारी पर बेंगलोर में एफआईआर दर्ज भी हुई.K

फिलहाल सुशीलतिवारी स्वयं को हिन्दुसेना हिन्दुआर्मी का हैजटैग इस्तेमाल करते है खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 26 वर्ष के कार्यकर्ता बताते है योगी मोदी को इश्वरीय प्रेणाश्रोत बताते है , बीते अगस्त में सुशील तिवारी एक पोस्ट को लेकर यूपी पुलिस ने फ्रीलांस पत्रकार प्रशान्त कनॉजिया को गिरफ्तार कर लिया था मुख्य फेसबुक पोस्ट में यूपीएससी से इस्लामिक स्टडी हटाने व वैदिक स्टडी जोड़ने को कहा गया था लेकिन प्रशान्त कनॉजिया ने एडिट कर लिखा था राममंदिर अयोध्या में OBC ST SC का प्रवेश वर्जित है इसी विवाद फेक पोस्ट के चक्कर मे 2 महीने जेल रहा प्रशान्त कनॉजिया । इस्लामिक स्टडी को यूपीएससी से हटाने व वैदिक शिक्षा को जोड़ने की मांग करने वाले सुशीलतिवारी तिवारी के पोस्टर को पत्रकार प्रशान्त कनॉजिया ने एडिट कर ट्वीट किया कि श्री राम मंदिर में एसटी एससी ओबीसी का प्रवेश वर्जित है व्यगात्मक तौर पर लिखा तिवारी जी का आदेश है ! इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सशील तिवारी के ख्याति को धूमिल करने और सौहार्द बिगाड़ने के धाराएं लगाकर हजरतगंज लखनऊ थाना में एफआईआर दर्ज कर रातों रात नोएडा (दिल्ली) से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया . प्रशान्त कनॉजिया को 2 महीने से ज्यादा जेल में रहने के बाद बेल मिली थी !
हमारे संवादाता से बातचीत में सुशिल तिवारी ने बताया कि वह राष्ट्र के हितों में मुद्दे जैसे हिन्दुराष्ट्र काशी मथुरा वॉलीवूड जिहाद जमीन जिहाद ,लव जिहाद ,धर्म परिवर्तन व सलून वहिष्कार व राष्ट्र हितों में मुद्दों को जोर-शोर से उठाते रहेंगे. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्रियों को चिठ्ठी लिखते रहते है मुद्दों को जोर सोर से उठाते रहते है ।

हिन्दुआर्मी हिन्दुसेना के नाम से संगठन का कार्यालय दिल्ली में सुशीलतिवारी लेकिन मुख्य तौर पर लखनऊ सुनील त्रिपाठी रणधीर सिंह व बेंगलोर से सतीश अन्ना मुम्बई से ज्योति शर्मा उत्तराखंड से नीरज संचालित करते है है . सुशीलतिवारी बताते है योगी मोदी काल है अब हिन्दुत्व की बात न हो तो कब होगी ये योगी मोदी युग मे रामराज्य की सुरुआत है स्वयं के संगठन हिन्दुआर्मी को मोदी योगी समर्थक व प्रेणना श्रोत इश्वरीय बताते है 26 वर्ष आरएसएस के आयु बताते है लेकिन भाजपा के लिए भी फेसबुक पर कंपेन करते है ,
हिन्दुसेना हिन्दुआर्मी ट्रस्ट के नाम से अपना अलग संगठन बना लिया. इसकी वेबसाइट (www.hinduarmy.org) के जरिए मेंबरशिप ली जाती है. ये संगठन अयोध्या के बाद अब काशी, मथुरा को लेकर अपने विचार रखते रहे है. सुशील ने अपने फेसबुक पेज पर ‘अयोध्या हुई हमारी, अब मथुरा की बारी ‘ राष्ट्र निर्माण में हो आपकी भागीदारी करे हिन्दू दुकानों से खरीदारी #NOMUSLIM स्लोगन के साथ फोटो पोस्ट की है. हिंदुओं का उद्धार कैसे होगा इस पर वे अक्सर पोस्ट किया करते हैं. तिवारी बताते है कि आरएसएस में सामान्य स्वयंसेवक रहते हुए सैकड़ो ईशाई धर्म मे परिवर्तीत हुए हिंदुओ को घर वापसी करा चुके है , संघ के कार्यो में आगे रहते है , सुशील बताते है की वो आरएसएस के रज्जू भैया के सामने बाल शिविर आरा बिहार में प्रार्थना करने वाले स्वयंसेवक है वो संघ की प्राथमिक शिक्षा वर्ग के शिक्षार्थी है आरएसएस उनकी मातृ संगठन व पाठशाला है उप्लब्धधियो के बारे में पूछने पर कहते है ” गौ ग्राम यात्रा हस्ताक्षर अभियान ,घर वापसी ,गुरुकुल पद्धति से चलने वाले विद्यालयों की सहायता , हिन्दू उत्थान स्वालंबी अभियान ,हिन्दू नाई ,हिन्दू मोची , हिन्दुओ से खरीदारी ,स्वदेशी अपनाए अभियान ,भारत के ट्रेवल व ट्रांसपोर्ट व्यवसाय व चालको के लिए संथानात्मक रचनात्मक यूनियनों का गठन व कार्यक्रम को अपनी उपलब्धियां बताते है ,

हिंदू युवा वाहिनी (भारत)– सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का संगठन हिंदू युवा वाहिनी की सक्रियता बेहद कम हो हई जिसके बाद संगठन भी बंट गया. प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने 2018 में अलग होकर हिंदू युवा वाहिनी (भारत) नाम से संगठन बना लिया. सुनील सिंह बीते दिनों समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए जिसके बाद इस संगठन को अनुभव शुक्ला संभाल रहे हैं. अनुभव पहले योगी के संगठन हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े रहे हैं.

हमारे संवादाता से बातचीत में अनुभव ने बताया, ‘ये संगठन हिंदुत्व के अपने पुराने एजेंडे पर ही काम कर रहा है. पूरे प्रदेश भर में इसके कार्यालय व कार्यकर्ता हैं. दूसरे प्रदेशों में भी संगठन को बढ़ाया जा रहा है. ‘लव जिहाद’, ‘घर वापसी’ जैसे मुद्दों को लेकर संगठन सक्रिय है और हर हिंदू परिवार की पीड़ा को उठाने का प्रयास करता है.’

विश्व हिंदू दल- पिछले साल लखनऊ में ड्राई फ्रूट्स बेच रहे दो कश्मीरियों की पिटाई के मामले से ये संगठन चर्चा में आया. बताया गया कि इस संगठन के लोग उन लोगों की पिटाई में शामिल थे. संगठन के पदाधिकारी अंबुज निगम की इस मामले में गिरफ्तारी भी हुई. ये संगठन लखनऊ व उसके आसपास के जिलों में एक्टिव है. सोशल मीडिया पर भी ये दल एक्टिव है.

इन संगठनों के अलावा यूपी में हिंदू रक्षक दल, हिंदू सेना, समेत तमाम अन्य ऐसे संगठन भी एक्टिव हैं जिनकी पिछले 5 साल में सक्रियता तेजी से बढ़ी है.

क्या रहता है काम का तरीका
राष्ट्रीय युवा वाहिनी के अध्यक्ष केडी शर्मा के मुताबिक, हर जिले में हमारे दर्जनों वर्कर्स हैं जो हमें हर दिन अपडेट देते रहते हैं. हमें कहीं भी लव जिहाद या धर्म परिवर्तन से जुड़ी सूचना मिलती है तो हम अपने वॉलंटियर्स को भेजते हैं. हमारा सूत्र आस-पास रहने वाले लोग ही होते हैं. लखनऊ में जो शादी रोकी गई वो मेरे घर के पास का ही मामला है. मुझे लोगों ने बताया कि ऐसा-ऐसा होने वाला है. फिर हमारे एक पदाधिकारी ने पुलिस को इसके बारे में सूचना दी. वहीं हिंदू-युवा वाहिनी (भारत) के अनुभव शुक्ला के मुताबिक, धर्म के बारे में जागरुकता बेहद जरूरी है.

हमारा लक्ष्य है कि हिंदू समाज जागरुक रहे. जागरुकता से संबंधित तमाम ट्रेनिंग प्रोग्राम भी हम लोग आयोजित करते हैं. हमारा किसी पॉलिटिकल पार्टी से लेना देना नहीं है लेकिन हिंदुत्व के एजेंडे पर हम काम करते रहेंगे.

सोशल मीडिया पर सक्रियता
इनमें से अधिकतर संगठनों के काम करने के तरीके में सोशल मीडिया का अहम रोल है. सोशल मीडिया पर इनके तमाम एकाउंट्स हैं जिनमें हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने को लेकर पोस्ट रहते हैं. इन पेजों से सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई, प्रवीण तोगड़िया व बाल ठाकरे की पुण्यतिथि समेत ऐसे तमाम पोस्ट रहते हैं. वहीं लेफ्ट व कांग्रेस को लेकर तमाम तरह के तंज व मुस्लिम कट्टरपंथ के खिलाफ टिप्पणियां रहती हैं.

विपक्ष के आरोप, बीजेपी ने किया किनारा
समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह के मुताबिक, बीजेपी का हमेशा से ऐसे संगठनों को पीछे से सपोर्ट रहा है. लव जिहाद तो आज का चर्चित शब्द है. इससे पहले मॉब लिंचिंग समते तमाम ऐसे मुद्दा रहे जिनमें इस तरह के संगठन एक्टिव होते रहे हैं लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में ज्यादा चर्चा में इसलिए हैं क्योंकि इन्हें सरकार का सरंक्षण प्राप्त हैं.

यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी के मुताबिक, ‘जिस तरह ‘लव जिहाद’ से संबंधित मामलों पर ये संगठन एक्टिव है उससे तो यही लगता है कि इन्हें सत्ता का सहयोग मिला हुआ है. 2014 से पहले ऐसे संगठन कम ही चर्चा में रहते थे. अब तो आए दिन किसी न किसी खबर में इनका जिक्र रहता है. बिना सत्ता के संरक्षण के ये कैसे संभव है.

यूपी बीजेपी के प्रवक्ता हीरो वाजपेयी का कहना है कि इनमें से कोई भी संगठन बीजेपी का सहयोगी संगठन या फ्रंटल संगठन नहीं है. कोई खुद को बीजेपी सपोर्टर बताए या पार्टी की विचारधारा से प्रेरित हो तो इसमें कोई क्या कर सकता है लेकिन आधिकारिक तौर पर इनका बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है. इनसे बीजेपी या आरएसएस का नाम जोड़ना गलत है.

बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक व आरएसएस से लंबे समय से जुड़े प्रकाश शर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय हिंदू समाज 100 करोड़ से ज्यादा का है. ऐसे में जरूरी नहीं कि हर कोई बीजेपी या संघ से जुड़ा हो. तमाम शहरों में कई संगठन हैं जो हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर काम कर रहे हैं इसमें कुछ गलत नहीं है लेकिन कानून का पालन करते हुए ही सबको काम करना चाहिए. गली-गली संगठन खुलना कोई गलत बात नहीं लेकिन कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सबको अपने उद्देश्य पर काम करना चाहिए. मुझे नहीं लगता इसमें कुछ गलत है.

लखनऊ को लक्ष्मणपुरी रूमी दरवाजा को राम दरवाजा और इमामबाड़ा को मत्स्यभवन करने की मांग । #HinduarmyChief #SushilTiwari

लखनऊ को लक्ष्मणपुरी रूमी दरवाजा को राम दरवाजा और इमामबाड़ा को मत्स्यभवन करने की मांग । #HinduarmyChief #SushilTiwari

सुशील तिवारी होंगे हिन्दू आर्मी के नए चीफ

Press Release
प्रेस विज्ञप्ति । प्रकाशनार्थ हेतु ।

हिन्दुआर्मी के केंद्रीय नेतृत्व ने आज दिनांक 29 जनवरी 2021 को लिया फैसला । सुशीलतिवारी तिवारी होंगे हिन्दुआर्मी के नए चीफ ।

हिन्दुआर्मी के केंद्रीय नेतृत्व ने 29 जनवरी के अहम बैठक में लिए गए निर्णय में हिन्दुआर्मी के चीफ सुशीलतिवारी को कमान देने के पक्ष में दी सर्वसम्मति से मंजूरी ।

केंद्रीय पदाधिकारी संस्थापक अध्यक्ष रणधीर सिंह ने ये जानकारी साझा करते हुए बताया कि एक वर्ष पहले से हिन्दुआर्मी की कमान मजबूत हाथों में देने का चल रहा था मंथन और महामंथन के बाद ये महत्वपूर्ण निर्णय लेने में केंद्रीय नेतृव सफल रहा ।

हिन्दुआर्मी के संस्थापक पंडित सुनील त्रिपाठी , सहित वरिष्ठ पदाधिकारियों के बैठक में अखिल भारतिय हिन्दू शिखर सम्मेलन , हिन्दू राष्ट्र , हिन्दू नववर्ष , ज्ञानवापी मस्जिद काशी और कृष्ण जन्मस्थान मथुरा पर योजनाएं बनाई गई । 25 जनवरी के एक महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय पदाधिकारियों ने निर्णय ले लिया था लेकिन अन्तिम मुहर 29 जनवरी को लगी कि हिन्दुआर्मी के नए चीफ़ सुशीलतिवारी ही होंगे ।।

धर्मेंद्र देव वर्मा
मीडिया प्रभारी हिन्दुआर्मी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत समरसता प्रमुख राज किशोर जी भाई साहब को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत समरसता प्रमुख राज किशोर जी भाई साहब को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। #सुशीलतिवारी #HinduArmy #chiefhinduarmy #रामराज्य_की_सुरुआत_मोदी_योगी_अयोध्या_के_साथ #चिफहिन्दुसेना

बॉलीबुड का सर्वनाश जय हो योगी आदित्यनाथ

#tandavban बॉलीबुड का सर्वनाश जय हो योगी आदित्यनाथ #हिन्दुसेना #hinduarmy #सुशीलतिवारी हमारे धर्म व देवी देवताओं का मजाक बनाया तो जेहादियों को माफ नही किया जाएगा आज बैनर और पुतला जलाया गया है नही सुधरे तो इसे सकारात्मक किया जाएगा । @shalabhmani @myogiadityanath @RSSorg #boycott

#tandavban बॉलीबुड का सर्वनाश जय हो योगी आदित्यनाथ #हिन्दुसेना #hinduarmy #सुशीलतिवारी

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